रविवार, 15 नवंबर 2009

अंग्रेजी नही , हिन्दी बनती है दिमाग को चुस्त -दुरुस्त

विज्ञान पत्रिका " करंट साइंस " में प्रकाशित अनुसन्धान के पुरे ब्यौरे में मस्तिस्क विज्ञानियों का कहना है के अग्रजी बोलते समय दिमाग का सिर्फ बाया हिस्सा सक्रिय रहता है, जबकि हिन्दी बोलते समय मष्तिस्क का दाया और बाया दोनों हिस्से सक्रिय रहते है जिस से दिमागे स्वास्थ्य तरोताजा रहते है.

राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसन्धान केंद्र ने यह जानकारी प्रकाशित की है.

यदि आप हिन्दीभाषी है ओर आधुनिक सभ्यता के शौकीन होकर बिना जरुरत अंग्रेजी बोलके की लत पाल चुके है तो अब जरा सावधान हो जाइये .

2 comments:

Ranjit Kumar on 17 नवंबर, 2009 04:46 ने कहा…

Manoj jee we are waiting for your new post irespective of news.

Vinay Kumar Vaidya on 15 मार्च, 2010 22:01 ने कहा…

It is True !
One expert in more than 1 language, exerts more efforts on brain, there-by developing them more !

 

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