इसलिए आज कम से कम इस सवाल का जवाब देने के लिए आना ही पड़ा । इसका मतलब नही है की बाकी सवालो का जवाब नही दूगा !!! उसके भी नम्बर आएगा ॥
तो बता दू की इस साईट बनाने के प्रेरणा कहा से मिली । बात पिछले वर्ष करीब अगस्त महीने की है । तब एक मीटिंग के लिए श्रीमान केवल क्रिशन जी , जो की तकनिकी निदेशक है , भारत सरकार के संचार और सूचना प्रोद्योदिकी मंत्रालय में , का आगमन कोल्कता में हुआ । एअरपोर्ट से मीटिंग स्थल तक आते हुए उन्होंने मुझे बड़े ही प्रेरणादायक तरीके से कंप्युटर में हिन्दी अनुप्रयोगों के बारे में बताया । साथ ही साथ यूनिकोड पर भी बहुत कुछ समझाया । उनकी कमिटमेंट देख के कुछ हिन्दी के लिए भी करने की इच्छा हुई । काफी माथा पच्ची करने के बाद सोचा क्यों न एक ऐसा वेबसाइट बनाऊ जिसमे सभी हिन्दी भाषी न केवल मेरी "सुन" सके बल्कि अपनी "कह" भी सके । साथ ही साथ मुझे एक ऐसा यूनिकोड प्लेटफोर्म चाहिए था जहा हिन्दी के लिए मुश्किल कम हो।
साथ ही साथ राजभाषा विभाग के लोगो का भी प्रोत्साहन मिला तो बस , सो थोड़ा सा प्रयास , थोडी से प्रेरणा , और कई महीनो की रातो को जाग जाग कर कुछ बनाने की जूनून और महनेत ने इस को खड़ा कर दिया । फ़िर बाद में बहुत से पाठको और वेबसाइट पर आने वाले विश्व भर के मेहमानों ने बहुत हौसला अफजाई की तो , बस क्या था ?
तो बस येही कहानी है इसकी ....थोड़ा टाइम जल्दी ही फ़िर निकालूगा ..ताकि आपके द्वारा पूछे गई सारे कोम्पुटर , टेक्नोलॉजी , और वेबसाइट विकास की सभी जिज्ञासा का समाधान कर सकू । तब तक के लिए एक चीज दे कर जा रहा हु ----इंतज़ार
5 comments:
आपके प्रयासों की सफलता की शुभकामनाएं.
आपका हार्दिक स्वागत है। आशा है आपके ज्ञान से लोगों को नई राह मिलेगी।
काफी लाभदायक साईट बनाया है आपने
आपकी हिंदी भाषा और कंप्यूटर तकनीक को आम जन तक पहुँचाने की ये पहल शानदार है .
मेरे ब्लॉग," धरोहर" पे वर्ड वेरिफिकेशन तो नहीं है..मैंने पहलेही हटा रखा था...! क्या आपको फिरभी दर्शाया गया?मेरे विचारसे,मेरे किसीभी ब्लॉग पे शब्द पुष्टीकरण नहीं है..मई खुद इसके खिलाफ हूँ..! हाँ, मैंने कई ब्लोग्स पे comment moderation ज़रूर रखा है...उसके कारण हैं...
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