शुक्रवार, 25 सितंबर 2009

गायत्री मंत्र पर महापुरुषों के विचार

दुर्गा पूजा के अवसर पर सभी पाठको को शुबेच्छा एवं हार्दिक अभिनन्दन . कलकाता के पूजा के माहौल में सब कुछ देविमोय हो जाता है . मेरी तो पंडाल आदि घुमने की हिम्मत नही हो पा रही है. इतने भीड़ और एक उन्माद सा लगता है. वैसे पूजा एवं भक्ति के इस माहौल में पेश है कुछ गायत्री मंत्र के बारे में . गायत्री मंत्र पर महापुरुषों के विचार गायत्री मंत्र व उसका अर्थ ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्। अर्थः उस प्राण स्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंतःकरण...
 

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