गायत्री मंत्र पर महापुरुषों के विचार
गायत्री मंत्र व उसका अर्थ
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
अर्थः उस प्राण स्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंतःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।
महापुरुषों द्वारा गायत्री महिमा का गान
"गायत्री मंत्र का निरन्तर जप रोगियों को अच्छा करने और आत्माओं की उन्नति के लिऐ उपयोगी है। गायत्री का स्थिर चित्त और शान्त ह्रुदय से किया हुआ जप आपत्तिकाल के संकटों को दूर करने का प्रभाव रखता है।"
-महात्मा गाँधी
"ऋषियों ने जो अमूल्य रत्न हमको दिऐ हैं, उनमें से ऐक अनुपम रत्न गायत्री से बुद्धि पवित्र होती है।"
-महामना मदन मोहन मालवीय
"भारतवर्ष को जगाने वाला जो मंत्र है, वह इतना सरल है कि ऐक ही श्वाँस में उसका उच्चारण किया जा सकता है। वह मंत्र है गायत्री मंत्र।"
-रवींद्रनाथ टैगोर
"गायत्री मे ऍसी शक्ति सन्निहित है, जो महत्वपूर्ण कार्य कर सकती है।"
-योगी अरविंद
"गायत्री का जप करने से बडी-बडी सिद्धियां मिल जाती हैं। यह मंत्र छोटा है, पर इसकी शक्ति भारी है।"
-स्वामी रामकृष्ण परमहंस
"गायत्री सदबुद्धि का मंत्र है, इसलिऐ उसे मंत्रो का मुकुटमणि कहा गया है।"
-स्वामी विवेकानंद
5 comments:
bahut sundar jaankari mili ... aapka blog achcha laga....
bahut badiya jaankari aapse prapt hui.
dhanywad
Yes!
Blessed are those who recite Gayatri Mantra.
I think there is definitely a positive energy that comes out when you recite this mantra over a long period of time. This is a proven fact by those who regularly recite. Yours truly included
Nice blog
Deepak Rajgor
गायत्री मंत्र पर इतनी महत्वपूर्ण जापकारियां देने के लिए धन्यवाद । आपका ब्लाग वाकई बहुत अच्छा है । कृपया, ब्लाग सजाने के कुछ तरीके बताएं ।
good article keep it up
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