बंता सिंह ने इंडियन आर्मी में भर्ती ले ली। उसे पाकिस्तानी सेना के साथ लड़ने के लिए फ्रन्ट पर भेजा गया। लड़ाई के दौरान बंता ने अपने दिमाग का इस्तेमाल करा और जोर जोर से मुसलमानी नाम पुकारने शुरू किए-शारीक खान..आमिर शेख..समीर..। बंता जब नाम पुकारता तो पाकिस्तान सेना से कोई न कोई सैनिक का जवाब आता यस सर! और बंता उस सैनिक को गोली से भून देता। ऐसा करते हुए बंता ने आधी पाकिस्तानी सेना का सफाया कर डाला। पाकिस्तानी कमांडर को भनक लग गई की बंता सिंह धोखे से उसके सैनिकों को मार रहा है। पाकिस्तानी कमांडर ने बंता की ट्रिक को उसी पर...
सोमवार, 9 जुलाई 2012
सोमवार, 2 जुलाई 2012
कुछ लिखा हुआ -2
मसर्र्ते हसरत रह गई, फासलो ने फिर वफा निभाई
लकीरो ने रूख बदला, फिर वही रूसवाई याद आई.
उनके पहलू को जो समझ बैठे थे दामन अपना,
कही दाग ना लग जाये उसके किनारो को,
ईस ख्याल से कसकर लपेट लिया.
====================...
कुछ लिखा हुआ
तू जो खो जाए तो तुझे बार बार कहा से लाऊ,
घर मे दरवाजा है, दीवार कहा से लाऊ,
कोशिश करता हू पर मै हाथ छुडाऊ कैसे,
मुहब्बतो मे जुर्र्ते इंकार कहा से लाऊ
मेरे हर लफ्जो मे आ और सितारा बन जा
इससे बेहतर कोई इजहार कहा से लाऊ
शहर की भीड मे गुम गई अब आवाजे,
आपकी पायल की सी झंकार कहा से लाऊ.
मेरे पैरो मे रवायतो की जंजीरे है.
मै नये दौर की सी रफ्तार कहा से ल...
सोमवार, 5 मार्च 2012
हिंदी चुट्कुले
संता पहली बार फूटबाल मेच देखते समय संता - ये लोग सभी फूटबाल के पीछे क्यूँ दोड़ रहे हें ? बंता - गोल करने के लिए संता - इतनी तो गोल हे ओर कितनी गोल करेंगे ? ===============================संता ( लाइब्रेरियन से )- ये रखो अपनी किताब , इतने सारे करेक्टर ओर कोई कहानी ही नहीं लाइब्रेरियन - ओह तो वो आप हें जो टेलीफोन डाइरेक्टरी इश्यू करा कर ले गए थे ==========================================================सलमान खान - कितने प्रतिशत भारतीय सोचते हें की केटरीना से मेरी शादी होगी ? संजु - सिर्फ 0.01 % सलमान...
रविवार, 6 दिसंबर 2009
कुछ शेर ओ शायरी
Author: Manoj Kumar Soni
| Posted at: 10:32 am |
Filed Under:
कविता

आज की इस पोस्ट में मै कुछ अपने पसंदीदा शेर दे रहा हु . ये शेर मेरे नही है बल्कि दूसरो के है, ये कैसे मेरे हाथ लग गए है, कहना मुश्किल है . पर इतना याद है कि करीबन १९९८ में जब एम् बी ऐ कि पड़ी कर रहा था तभी इनका शौक लगा. इधर दो तीन साल से ये छूट गया था. ये ऐसे शेर है जो मेरे जीवन में ख़ास जगह रखते है. पेश ऐ नज़र है :
१.
ठोकरे खा के जो सम्हलते है, वो निजाम ऐ जहा बदलते है,
रौशनी के नए चरागों से , रूह तपती है , जिस्म जलते है,
रास्तो को हमे बदलना है, रास्ते खुद कहा बदलते है.
२
हम अपने गम कि शिद्दत को कम नही करते,
जरा...
रविवार, 15 नवंबर 2009
अंग्रेजी नही , हिन्दी बनती है दिमाग को चुस्त -दुरुस्त
Author: Manoj Kumar Soni
| Posted at: 9:30 am |
Filed Under:
समाचार

विज्ञान पत्रिका " करंट साइंस " में प्रकाशित अनुसन्धान के पुरे ब्यौरे में मस्तिस्क विज्ञानियों का कहना है के अग्रजी बोलते समय दिमाग का सिर्फ बाया हिस्सा सक्रिय रहता है, जबकि हिन्दी बोलते समय मष्तिस्क का दाया और बाया दोनों हिस्से सक्रिय रहते है जिस से दिमागे स्वास्थ्य तरोताजा रहते है.
राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसन्धान केंद्र ने यह जानकारी प्रकाशित की है.
यदि आप हिन्दीभाषी है ओर आधुनिक सभ्यता के शौकीन होकर बिना जरुरत अंग्रेजी बोलके की लत पाल चुके है तो अब जरा सावधान हो जाइये ....
अब भारतीय भाषाओ में भी होगे वेब पते
क्या आपने अपनी मात्रभाषा में इन्टरनेट में प्रवेश करने के बारे में सोचा है ? यह अब संभव है. डोमेन नामो का प्रबंधन करने वाली संस्था ने अब वेब पते के लिए सात भारतीय भाषाओ के इस्तेमाल के अनुमति दे दी है. वैश्विक गैर लाभकारी संगठन internet corporation for assigned names and number (ICANN) ने सात भारतीये भाषाओ ---हिन्दी तमिल बंगला उर्दू गुजराती पंजाबी और तेलुगु में वेब पते (web address) की अनुमति देने का फैसले किया है . यह फैसला सोल (कोरिया) में लिया गया.
अभी तक वेब पर सभी डोमेन नाम केवल लैटिन अक्षरो ए से जेड़ में...
रविवार, 4 अक्टूबर 2009
रामायण और विश्व में कहा कहा है ? एक अनुसंधान
भारत के इतिहास में राम जैसा विजेता कोई नहीं हुआ . उन्होंने रावण और उसके सहयोगी अनेक राक्षसों का वध कर के न केवल भारत में शांति की स्थापना की बल्कि सुदूर पूर्व और ऑस्ट्रेलिया तक में सुख और आनंद की एक लहर व्याप्त कर दी. श्रीराम अद्भुत सामरिक प्रक्रम व्यहार कुशलता और विदेश नीति के स्वामी थे. उन्होंने किसी देश पर अधिकार नहीं किया लेकिन विश्व के अनेक देहो में उनकी प्रशंशा के विवरण मिलते है जिससे पता चलता है की उनकी लोकप्रियता दूर दूर तक फैले हुई थी.
आजकल मेडागास्कर कहे जाने वाले द्वीप से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक के द्वीप समूह पर रावण...
शुक्रवार, 25 सितंबर 2009
गायत्री मंत्र पर महापुरुषों के विचार
Author: Manoj Kumar Soni
| Posted at: 7:28 am |
Filed Under:
अपनी बात

दुर्गा पूजा के अवसर पर सभी पाठको को शुबेच्छा एवं हार्दिक अभिनन्दन . कलकाता के पूजा के माहौल में सब कुछ देविमोय हो जाता है . मेरी तो पंडाल आदि घुमने की हिम्मत नही हो पा रही है. इतने भीड़ और एक उन्माद सा लगता है. वैसे पूजा एवं भक्ति के इस माहौल में पेश है कुछ गायत्री मंत्र के बारे में .
गायत्री मंत्र पर महापुरुषों के विचार
गायत्री मंत्र व उसका अर्थ
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
अर्थः उस प्राण स्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंतःकरण...
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