आज घूमते घूमते हम पहुचे एक ऐसे वेबसाइट पर जहा अंतर्राष्ट्रीय काल्स करना बेहद सस्ता है । नही जानता हु की इंडिया से ये कितना प्रयौग होता है ।आप इस वेबसाइट पर जाकर काल्स सस्ते में कर सकते है , ऐसा इस वेबसाइट का दावा है । http://www.rebtel.com/en/Home/वैसे एस्कीपी (SKPE) ने इन्टरनेट काल्स पर अपना प्रभुत्व पहले ही जमा रखा है , जहा से आप बिल्कुल फ्री में इंटरनेशनल कॉल कर सकते है । इसको जान ने के लिए यहाँ क्लिक करे ।http://www।skype.com/intl/en/याहू भी ये सर्विस फ्री में देता है ।इसको जान ने के लिए यहाँ क्लिक करे ।http://messenger।yahoo।com/features/voice/आजमाए...
मंगलवार, 16 दिसंबर 2008
रविवार, 14 दिसंबर 2008
वर्ड वेरिफिकेशन कैसे हटायें ?
ये वर्ड वेरिफिकेशन बड़ा ही फालतू चीज़ है । जब भी हम या आप किसी जगह कमेंट्स लिखना चाहते है ये आड़े आ जाता है इसे हटाने का तरीका बहुत ही आसान सा है,इसके लिए आप अपने ब्लॉग के डैशबोर्ड (dashboard) में जाएँ, फ़िर settings, फ़िर comments, फ़िर { Show word verification for comments? } नीचे से तीसरा प्रश्न है ,उसमें 'yes' पर tick है, उसे आप 'no' कर दें और नीचे का लाल बटन 'save settings' क्लिक कर दें। बस काम हो गया.और ज्यादा जानने के लिए राजीव गुरु की साइट पर देखे।...
गुरुवार, 11 दिसंबर 2008
मुंबई आतंकी हमलों में बच निकलने वाले से कुछ टिप्स
राहुल वेल्डे जो Unilever के लिए काम करता है वो भाग्यशाली है कि 26 नवम्बर के मुंबई आतंकी हमलों में बचकर निकल पाया. उनके बारे मे ईक अखबार इंटरव्यु निकला था. राहुल ने उसमे कुछ ठोस और उपयोगी टिप्स दिये है , ये मुझे बहुत अछ्छा लगा. वो सवेरे के 4 बजे बचकर निकल पाया. उनका कहना है कि ये आतंकी हमला शायद खत्म हो गया है, किंतु हम एक एसे अनिशचित समय मे जी रहे जिसमे इक सामान्य स्तर की जागरूकता बहुत जरुरी है । प्रस्तुत है कुछ टिप्स राहुल की तरफ़ से :दार्शनिक टिप्स :अपने परिवार और मित्रो का मूल्य जानिए । अपना समय उनके साथ व्यतीत करे । आपके...
शुक्रवार, 5 दिसंबर 2008
क्या आप अपने मोबाइल के काल से परेशान है ?
क्या आप रोज रोज की आने वाली बेकार की कालो से परेशान है ? ये टेलेमार्केटिंग वाले न समय देखते है और न वक्त । सवेरे सवेरे जब आप भरी बस के झक झक के बीच होते है तब आपका फ़ोन खनखनाता है और उधर से आवाज आती है " सर ये फला फला कंपनी है और एक विशेष आफर के तहत आपको चुना गया है " । मन करता होगा के कितनी गालिया दे पर वो भी नही कर सकते ( क्योकि उधर वाला या वाली बड़े ही तहजीब से बात करता है )। आईये आपकी मुश्किल आसान कर देते है । इस सम्बन्ध में टेलीफोन नियामक प्राधिकरण का नियम बहुत ही सहायक है । अगर आप इन "बिन बुलाये कालो " (unsolicicited commercial...
बुधवार, 3 दिसंबर 2008
Cheque Bounce मामलों के लिए Fast track अदालतों की सिफारिश
विधि मंत्री एचआर भारद्वाज को सौंपी 213 वीं रिपोर्ट में भारतीय विधि आयोग के अध्यक्ष डा. जस्टिस एआर लक्ष्मणन ने कहा है कि देश में इस वक्त चेक बाउंसिंग के 38 लाख केस (निगोशिएगल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138) लंबित हैं। इतनी बड़ी संख्या में केस लंबित होने के कारण देश-विदेश में व्यवसाय की विश्वसनीयता को ठेस पहुंची है। इन मामलों को तेजी से निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन किया जाए।रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस उद्देश्य से धारा 138 में संशोधन कर चैक बाउंसिग मामलों को तेजी से निपटाने का प्रबंध किया गया था, वह विफल हो गया है।...
कुछ कविताए
एक सफल एव जन जन के प्यारे कवि श्री अशोक चक्र्धर की कुछ कविताए :बुनियादी सवाल :कभी-कभी बच्चेबाते करते है बुनियादीसनेहा की एक बात नेमेरी नीद भुला दी .चौरासी के दंगो मेजब कालौनी मेमचा था हाहाकार,सनेहा ने पुछा - पापा,हम हिन्दु है या सरदार?============तेरा है :तु गर दरिन्दा है तो ये मसान तेरा है,अगर परिन्दा है तो आसमान तेरा है.तबाहिया तो किसी और की तलाश मे थी.कहा पता था उन्हें ये मकान तेरा है.छलकने मत दे अभी अपने सब्र का प्याला,ये सब्र ही तो असल इम्तेहान तेरा है.भुला दे अब तो भुला दे कि भूल किसकी थी,ना भूल प्यारे कि हिन्दोस्तान...
क्या-क्या न सहे हमने सितम…
एक दिन दो पुराने दोस्त गधे बाजार में मिले। एक गधा बोला - यार तुम तो बहुत कमजोर हो गए हो। क्या तुम्हारा मालिक तुम्हें ठीक से खाने पीने को नहीं देता ?दूसरे गधे ने ठंडी सांस भरकर कहा - हां दोस्त, खाने पीने को तो ठीक से मिलता ही नहीं है साथ ही काम भी बहुत करवाता है। मेरा मालिक सचमुच बहुत खराब आदमी है।पहले गधे ने कहा - तो फिर ऐसे मालिक को तुम छोड़ क्यों नहीं देते ? किसी दिन मौका देखकर भाग जाओ न ?दूसरा गधा - मैं भाग नहीं सकता ।पहला गधा - पर क्यों ?दूसरा गधा - मेरे मालिक की एक बहुत ही खूबसूरत बेटी है। जब भी वह उस पर नाराज होता है तो...
कुछ हिन्दी जगत से समाचार !
कुछ अच्छा मसाला मिला है एक चिठा में । अच्छा लगा की कुछ अच्छे लोग है जो अपना बहुमूल्य समय निकालकर कुछ हिन्दी भाषा के लिए कर रहे है । कोपी , पेस्ट करके दे रहा हु , आशा है के पसंद आएगा .महेश भट्ट : फिल्मी सितारों का हिन्दी नहीं बोलना अपनी माँ को गिरवी रखने जैसाफिल्मी और टीवी दुनिया से जुड़ा हर सितारा न्यूयॉर्क टाईम्स में अपनी खबर और फोटो देखना चाहता है जबकि उसको नाम और पैसा हिन्दी के दर्शकों से मिलता है। आज हर सितारा अपनी शख्सियत और अपनी पहचान अंग्रेजी में बनाना चाहता है, आज फिल्म उद्योग में हिन्दी न जानना और गलत हिन्दी बोलना सम्मान...
इनटरनेट पर हिन्दी कैसे लिखे?
अगर आप हिन्दी में नही लिख पा रहे है तो हिन्दी का प्रचार प्रसार कैसे होगा?हिन्दी में लिखने के लिए दो लिंक है।एक कौल आनलाइन है। http://uninagari.kaulonline.com/inscript.htm इसमें कई कीबोर्ड है । जिसे आप जानते हैं उसका प्रयोग करें।इसमें सीधे कंपोज करके मैटर को कापी करके पोस्ट करिए।दूसरे को खोलकर फोनेटिक तरीके से हिंदी लिख सकते है । http://www.ankitjain.info/writeHindi.htmअगर आप हिंदी कंप्यूटर पर लिखना नहीं जानते तो इसका भी हल है। आप इस लिंक पर http://merekavimitra.blogspot.com/2007/07/blog-post_1474.html जाइए और निर्देशों...
हम हिन्दी से दूर क्यो?
Author: Manoj Kumar Soni
| Posted at: 10:32 am |
Filed Under:
हिन्दी

क्या हम अपनी भाषा से इतने दूर हो गए है की इसके लिए थोडी खोजबीन भी नहीकर सकते ?ये मित्र पटल हिन्दी भाषा के लिए एक उन्नति का साधन होगा ।यूनिकोड के समर्थको को इसके लिए एकजुट हो जाना चाहिए ताकि हिन्दी भाषा को एक उन्नत भाषा के रूप में विश्व पटल पर रखा जा सके ।हम ज्यादा से ज्यादा हिन्दी का उपयोग करे और औरो को करवाने का संकल्प ले...
ऑनलाइन शॉपिंग.कॉम - सतर्क रहे
दैनिक भास्कर कंप्यूटर पर क्लिक करो, आपका मनपसंद कैमरा आपके घर पर होगा। क्या यह कोई जादू है? नहीं, यह ऑनलाइन शॉपिंग है, जो अब धीरे-धीरे हमारे देश में भी लोकप्रिय होती जा रही है। इसे लेकर कई तरह की शंकाएं भी हैं, लेकिन उससे मिलने वाले लाभ इन शंकाओं पर भारी पड़ रहे हैं।कैसे लाभदायक?पहुंच बढ़ाए: आप चाहे मुंबई में हो या किसी छोटे-से गांव में, अगर इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध है, तो कहीं से भी शॉपिंग की जा सकती है। इसका एक फायदा यह भी है कि वे नवीनतम उत्पाद भी उपलब्ध हो जाते हैं जो प्राय: छोटे शहरों में काफी दिनों बाद मिल पाते हैं।समय बचाए:एक...
आयात और व्यापार घाटे में खतरनाक छलांग
Oct 01, 11:19 pmनई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। महंगे कच्चे तेल के चलते देश का आयात बिल बेहद खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है। नतीजतन व्यापार घाटा भी दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ता जा रहा है। आयात और व्यापार घाटे की इतनी तेज वृद्धि के चलते निर्यात में अच्छी खासी वृद्धि का उत्साह भी जाता रहा है। हाल के कुछ दिनों में डालर की मजबूती से साफ है कि आने वाले दिनों में भी आयात-निर्यात के आंकड़े अर्थव्यवस्था के अनुकूल नहीं रहेंगे।उद्योग व वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त, 2008 में आयात में डालर के हिसाब से 51.2 फीसदी की...
संभलकर करें लाइफ इंश्योरेंस का क्लेम
नई दिल्ली।मौत पर किसी का जोर नहीं चलता है। जब यह आती है, भावनात्मक रूप से नुकसान होने के साथ-साथ कई अन्य मुसीबतें भी खड़ी हो जाती हैं। यदि मरने वाले व्यक्ति ने कोई इंश्योरेंस पॉलिसी करवाई है तो उसके उत्तराधिकारी उसे कैसे क्लेम कैसे करे ? आइए जानें तरीका.डॉक्यूमेंट एकत्र करेंपहले तो इंश्योरेंस कवर के सारे डॉक्यूमेंट एकत्रित करें। यदि नॉमिनी के पास वास्तविक पॉलिसी है तो क्लेम लेने में थोड़ी आसानी हो जाती है। यदि उसके पास पॉलिसी नहीं है तो पॉलिसी धारक के बारे में जानकारी जैसे कि उसका नाम, पॉलिसी नंबर या पॉलिसी जारी करने की तिथि...
घोटाला हो रहा है !
Author: Manoj Kumar Soni
| Posted at: 10:23 am |
Filed Under:
कविता

बैंकों में रहने वाला पैसा तकिये के अन्दर काला हो रहा है .रातों में भी चलने वाले कारखानो पर ताला हो रहा है .अब नथ्थू हलवाई विदेशी शर्मा जी का साला हो रहा हैपता नहीं पहले हुआ था या अब कुछ घोटाला हो रहा है !बेरोजगार बिना रोजगार के जबरन उद्योगपति हो गएजो सच्चे कर्मों से उद्योगपति हुए थे वह रोडपति हो गए भाग्य को धन से बड़ा मान अमीर गरीबों के दम्पति हो गएशेयर के चक्कर में सपनों में जीने वाले दुर्गति को गए एक बार फिर से कापित्लिस्म का मुंह कला हो रहा हैपता नहीं पहले हुआ था या अब कुछ घोटाला हो रहा है!आज कर्ज में डूबा है हर बुढ्ढा हर...
कैसे रखें पीसी को सुरक्षित?
Author: Manoj Kumar Soni
| Posted at: 10:21 am |
Filed Under:
कंप्यूटर

दिनोंदिन कम्प्युटर हमारी जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता जा रहा है। वित्तीय हस्तांतरण से लगाए मित्रों से बातचीत व मनोरंजन के लिए हम इस पर निर्भर हैं। ऐसे में अगर आपके कम्प्युटर का डाटा गुम हो जाए या कोई वायरस नुकसान पहुँचा दे, तो आपकी परेशानी कितनी बढ़ जाएगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।ऐसे में कम्प्युटर की सुरक्षा का ख्याल रखना बेहद महत्वपूर्ण है। हमारे पास आपकी इस समस्या के लिए कुछ आसान सी टिप्स हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर आप अपने कम्प्युटर को सुरक्षित रख सकते हैं।· नियमतः कम्प्युटर स्कैन करें- अपनी स्कैनडिस्क...
कंप्यूटर की तकनीक से जुडे शब्द
Author: Manoj Kumar Soni
| Posted at: 10:19 am |
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कंप्यूटर

इन्ऐक्टिव विंडो (inactive Window): कुछ परिचालन प्रणालियों में एक बार में स्क्रीन पर कई विडों खोली जा सकती हैं। उसमें वर्तमान सक्रिय विंडों को छोड़कर बाकी को निष्क्रिय विंडो कहा जाता है।इनोक्यूलेट (Inoculate): वायरस के बचाव की क्रिया विधि को इनोक्यूलेट कहा जाता है। इसके अंतर्गत वायरस संबंधी जानकारियों को किसी प्रोग्राम में रखकर उसके उपयोग से संक्रमण से बचा जा सकता है।इनपूट (Input): कम्प्यूटर में संसाधन हेतु जो सूचना प्रविष्ट की जाती है] उसे इनपूट कहा जाता है। कुंजी पटल] माउस] मॉडेम] टच स्क्रीन] डिस्क पर उपलब्ध फाइल आदि से कम्प्यूटर...
हस्तलिपि का कम्प्यूटर युग में ……….
Author: Manoj Kumar Soni
| Posted at: 9:57 am |
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हस्तलिपि

मेरी चिन्ता यह नहीं है कि, आने वाले समय में लोग हाथों से लिखना छोड़ देगें। या फिर ऐसा भी नहीं है कि लोगों ने हाथ से लिखना बन्द कर दिया है, आज भी हाथ से लिखा जा ही रहा है, फिर भी हाथ से लिखने की कला में जो ह्रास का परिदृश्य उभरकर सामने आ रहा है,कुछ हीदशक पहले तक शायदहीकिसीके वहमों-गुनान में रहा हो. यह हो सकता है कि यह मुददा अभी बहुत अधिक चिन्ता का कारण न हो, लेकिन यह ऐसा विषय है कि जिसे हम दरगुज़र नहीं कर सकते हैं। भाषा को संरक्षित करने की यह प्रकिक्रया धीरे-धीरे कम होती जा रही है। राजा से लेकर सामान्यजन तक सबके द्वारा प्रयोग...
यूनिकोड क्या है?
Author: Manoj Kumar Soni
| Posted at: 9:52 am |
Filed Under:
यूनिकोड क्या है?

यूनिकोड क्या है?यूनिकोड प्रत्येक अक्षर के लिए एक विशेष नम्बर प्रदान करता है,चाहे कोई भी प्लैटफॉर्म हो,चाहे कोई भी प्रोग्राम हो,चाहे कोई भी भाषा हो।कम्प्यूटर, मूल रूप से, नंबरों से सम्बंध रखते हैं। ये प्रत्येक अक्षर और वर्ण के लिए एक नंबर निर्धारित करके अक्षर और वर्ण संग्रहित करते हैं। यूनिकोड का आविष्कार होने से पहले, ऐसे नंबर देने के लिए सैंकडों विभिन्न संकेत लिपि प्रणालियां थीं। किसी एक संकेत लिपि में पर्याप्त अक्षर नहीं हो सकते हैं : उदाहरण के लिए, यूरोपिय संघ को अकेले ही, अपनी सभी भाषाऒं को कवर करने के लिए अनेक विभिन्न संकेत...
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