बुधवार, 3 दिसंबर 2008

Cheque Bounce मामलों के लिए Fast track अदालतों की सिफारिश

विधि मंत्री एचआर भारद्वाज को सौंपी 213 वीं रिपोर्ट में भारतीय विधि आयोग के अध्यक्ष डा. जस्टिस एआर लक्ष्मणन ने कहा है कि देश में इस वक्त चेक बाउंसिंग के 38 लाख केस (निगोशिएगल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138) लंबित हैं। इतनी बड़ी संख्या में केस लंबित होने के कारण देश-विदेश में व्यवसाय की विश्वसनीयता को ठेस पहुंची है। इन मामलों को तेजी से निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन किया जाए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस उद्देश्य से धारा 138 में संशोधन कर चैक बाउंसिग मामलों को तेजी से निपटाने का प्रबंध किया गया था, वह विफल हो गया है। आयोग मानता है कि मामलों को तेजी से निपटाया जाए, यह नागरिक का मौलिक आधिकार भी है। मामला लंबे समय तक लंबित रहने से ईमानदार नागरिकों और व्यावसायिक समुदायों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
देश की राजधानी दिल्ली में चैक बाउंसिग के पांच लाख 14 हजार 533 केस लंबित हैं। रोजाना लगभग ढाई हजार नए केस जुड़ रहे हैं जबकि इन केसों के निस्तारण का प्रतिशत बहुत कम है। दिल्ली की कुल अदालतों का दो तिहाई हिस्सा चैक बाउंसिंग केसों से ही जूझ रहा है।
 

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