रविवार, 16 अगस्त 2009

भीड़ का दु:ख

युवती की तेज आती स्कूटर से वह वृद्ध टकरा गया। भीड़ लग गई। चोट दोनों को आई थी। हालात का जायजा ले रहे एक स्वयंसेवी ने वृद्ध को रिक्शे में डाला और अस्पताल की ओर चल पड़ा। रिक्शेवाले ने पूछा-
‘‘भाई साहब थोड़ा चोट तो उस महिला को भी आई थी, फिर आप इन्हें ले जा रहे हैं, क्या ये आपके रिश्तेदार हैं ?’’
‘‘नहीं, उसके लिए तो बहुतों की भीड़ है। अगर मैं उसे वहाँ से ले जाना का प्रयास करता तो भीड़ दु:खी हो जाती।’’

एक ई मेल से मिला ये .

रविवार, 3 मई 2009

कमाई करे रु २०००/= प्रति दिन ...आसान इन्टरनेट में पार्ट टाइम काम

जरुरत है पार्ट टाइम जॉब करने के लिए लोगो की , कोई निवेश की जरुरत नही , सिर्फ़ इन्टरनेट पर आसान फॉर्म भरने का काम करना है ।
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करे

रविवार, 22 मार्च 2009

ये वेबसाइट क्यों ?

काफ़ी समय से लिख नही पा रहा हु ।समय ही नही मिल पा रहा है । शर्मिंदगी होती है तब ज्यादा जब कई प्रेमी पाठक मेरी इस साईट पर आते है । कुछ पूछते भी है , परन्तु जवाब देने का टाइम नही मिल पा रहा है । फ़िर भी बहुत लोगो के ईमेल मिले , --पूरे विश्व से , की इस साईट को क्यों शुरू किया ? क्या प्रेरणा है ?
इसलिए आज कम से कम इस सवाल का जवाब देने के लिए आना ही पड़ा । इसका मतलब नही है की बाकी सवालो का जवाब नही दूगा !!! उसके भी नम्बर आएगा ॥
तो बता दू की इस साईट बनाने के प्रेरणा कहा से मिली । बात पिछले वर्ष करीब अगस्त महीने की है । तब एक मीटिंग के लिए श्रीमान केवल क्रिशन जी , जो की तकनिकी निदेशक है , भारत सरकार के संचार और सूचना प्रोद्योदिकी मंत्रालय में , का आगमन कोल्कता में हुआ । एअरपोर्ट से मीटिंग स्थल तक आते हुए उन्होंने मुझे बड़े ही प्रेरणादायक तरीके से कंप्युटर में हिन्दी अनुप्रयोगों के बारे में बताया । साथ ही साथ यूनिकोड पर भी बहुत कुछ समझाया । उनकी कमिटमेंट देख के कुछ हिन्दी के लिए भी करने की इच्छा हुई । काफी माथा पच्ची करने के बाद सोचा क्यों न एक ऐसा वेबसाइट बनाऊ जिसमे सभी हिन्दी भाषी न केवल मेरी "सुन" सके बल्कि अपनी "कह" भी सके । साथ ही साथ मुझे एक ऐसा यूनिकोड प्लेटफोर्म चाहिए था जहा हिन्दी के लिए मुश्किल कम हो।
साथ ही साथ राजभाषा विभाग के लोगो का भी प्रोत्साहन मिला तो बस , सो थोड़ा सा प्रयास , थोडी से प्रेरणा , और कई महीनो की रातो को जाग जाग कर कुछ बनाने की जूनून और महनेत ने इस को खड़ा कर दिया । फ़िर बाद में बहुत से पाठको और वेबसाइट पर आने वाले विश्व भर के मेहमानों ने बहुत हौसला अफजाई की तो , बस क्या था ?
तो बस येही कहानी है इसकी ....थोड़ा टाइम जल्दी ही फ़िर निकालूगा ..ताकि आपके द्वारा पूछे गई सारे कोम्पुटर , टेक्नोलॉजी , और वेबसाइट विकास की सभी जिज्ञासा का समाधान कर सकू । तब तक के लिए एक चीज दे कर जा रहा हु ----इंतज़ार

शनिवार, 3 जनवरी 2009

विंडोज मे आफलाईन हिन्दी ट्रांसलिटरेशन कैसे करे .

हमारे एक सुधि पाठक ने पुछा है की ऑफलाइन तरीके से ट्रांस्लितेरेशन हिन्दी कैसे टाइप किया जा सकता है ? ये बहुत ही आसान है . विन्डोज़ -XP में हिन्दी के यूनिकोड फोंट्स पहले से होते है . बस उन्हें एनाबले करना होता है . ये तरीका हम बता देते है . इसको एनाबले करने के साथ साथ आपको मैक्रोसोफ्ट का एक टूल लगना पड़ेगा , उसका भी तरीका भी बता देते है. आगे दिए गई स्टेप्स को फोलो करिए.

1. विंडोज में हिन्दी सपोर्ट इनेबल करना: अपने कंप्यूटर के Control Panel में जाएँ। वहाँ Regional and Languages Options को क्लिक करें। वहाँ Languages टैब पर क्लिक करें। अब Install files for complex scripts को चुनें, OK क्लिक करें। मांगे जाने पर Windows-XP की CD डालें। (इस्मे एक फोल्डर होता है जिसे i386 केह्ते है ) इससे Indic Languages (हिन्दी सहित) सपोर्टआप के कंप्यूटर पर स्थापित हो जाएगा। स्थापन के अंत में आप को कंप्यूटर रिबूट करना पड़ सकता है।

2. Indic IME डाउनलोड करना: माइक्रोसॉफ्ट भाषाइंडिया की साइट से Hindi Indic IME 1 (v5.1) डाउनलोड करें।

3. Indic IME इंस्टाल करना: hindi_IME_setup.zip आप के चुने फोल्डर में संचित हो जाएगी। इस फाइल को अपनी पसन्द के फोल्डर में unzip कर लें।

setup.exe नाम की फाइल को चला दें । Hindi Indic IME1 आप के कंप्यूटर पर स्थापित हो जाएगा।

4. इंडिक आईएमई का कीबोर्ड जोड़ना: Details बटन को दबाएँ। अब Add बटन को दबाएँ Input language सूचीमें से हिन्दी चुनें, Keyboard layout/IME डिब्बे को सक्रिय करें, और सूची में से Hindi Indic IME1 (v5.1) चुनें।

इन निर्देशों को इस चित्र में होते देख सकते हैं :
ime1v5.gif


5. लैंग्वेज स्विचिंग कुंजी सैट करना: ALT+SHIFT से आप कुंजीपट बदल सकते हैं।

6. ऊपर की क्रिया पूरी होने के बाद आप के स्क्रीन के निचले दाहिने कोने में टास्कबार में एक बटन बन जाएगा जिस को क्लिक कर के आप अपनी टाइपिंग की भाषा बदल सकते हैं।

ये जानकारिया बहुत सारे हिन्दी ब्लोग्स पर पहले से ही है । अगर आप कुछ हिन्दी ब्लोग्स पर भ्रमण करे तो और भी तरीके मिल सकते है। पर मै तो इस तरीके को आसान समझता हु .

जब ये हो जाये तो मेरे ब्लाग पर टिप्प्णी करके सुचित करें. अपने ब्लाग को सजाने के कई चीजे है . क्या पहले जानना चाहेगे?

मंगलवार, 16 दिसंबर 2008

अंतर्राष्ट्रीय काल्स सस्ते रेट में

आज घूमते घूमते हम पहुचे एक ऐसे वेबसाइट पर जहा अंतर्राष्ट्रीय काल्स करना बेहद सस्ता है । नही जानता हु की इंडिया से ये कितना प्रयौग होता है ।
आप इस वेबसाइट पर जाकर काल्स सस्ते में कर सकते है , ऐसा इस वेबसाइट का दावा है । http://www.rebtel.com/en/Home/
वैसे एस्कीपी (SKPE) ने इन्टरनेट काल्स पर अपना प्रभुत्व पहले ही जमा रखा है , जहा से आप बिल्कुल फ्री में इंटरनेशनल कॉल कर सकते है । इसको जान ने के लिए यहाँ क्लिक करे ।
http://www।skype.com/intl/en/
याहू भी ये सर्विस फ्री में देता है ।इसको जान ने के लिए यहाँ क्लिक करे ।
http://messenger।yahoo।com/features/voice/

आजमाए और हमे भी बताइए ।

रविवार, 14 दिसंबर 2008

वर्ड वेरिफिकेशन कैसे हटायें ?

ये वर्ड वेरिफिकेशन बड़ा ही फालतू चीज़ है । जब भी हम या आप किसी जगह कमेंट्स लिखना चाहते है ये आड़े आ जाता है

इसे हटाने का तरीका बहुत ही आसान सा है,इसके लिए आप अपने ब्लॉग के डैशबोर्ड (dashboard) में जाएँ, फ़िर settings, फ़िर comments, फ़िर { Show word verification for comments? } नीचे से तीसरा प्रश्न है ,उसमें 'yes' पर tick है, उसे आप 'no' कर दें और नीचे का लाल बटन 'save settings' क्लिक कर दें। बस काम हो गया.

और ज्यादा जानने के लिए राजीव गुरु की साइट पर देखे।

गुरुवार, 11 दिसंबर 2008

मुंबई आतंकी हमलों में बच निकलने वाले से कुछ टिप्स

राहुल वेल्डे जो Unilever के लिए काम करता है वो भाग्यशाली है कि 26 नवम्बर के मुंबई आतंकी हमलों में बचकर निकल पाया. उनके बारे मे ईक अखबार इंटरव्यु निकला था. राहुल ने उसमे कुछ ठोस और उपयोगी टिप्स दिये है , ये मुझे बहुत अछ्छा लगा. वो सवेरे के 4 बजे बचकर निकल पाया. उनका कहना है कि ये आतंकी हमला शायद खत्म हो गया है, किंतु हम एक एसे अनिशचित समय मे जी रहे जिसमे इक सामान्य स्तर की जागरूकता बहुत जरुरी है । प्रस्तुत है कुछ टिप्स राहुल की तरफ़ से :
दार्शनिक टिप्स :
अपने परिवार और मित्रो का मूल्य जानिए । अपना समय उनके साथ व्यतीत करे । आपके पास जो भी है उसमे अपने हर चेतन क्षण को जीना सीखे, हँसते रहे , मुस्कुराते रहे और ख्याल रखे । मै उन मोमबत्ती यात्राओ और शान्ति यात्राओ के बारे में सुन रहा हु । पुलिस का बल और राजनीती का बल भी देख रहा हु। इसमे मै इतना तो निश्चित हु की बहुत सारी उर्जा नष्ट होगी । वह रह कर इतना तो कह सकता हु की उनमे से हर एक - पुलिसवाला , आग निरोधक वाले फायरमन, डॉक्टर , सामान्य जन , सभी, जितना कर सकते थे , कर रहे थे । मै किसी को दोषारोपण नही कर रहा हु । भगवान् महान है ।
प्रैक्टिकल टिप्स :
1 ये निश्चित करे की आपके पास पर्याप्त बीमा है। यदि आप के पास बहुत पैसा और साधन है फ़िर भी इसे करे ।
२ ये निश्चित कर की आपका परिवार आपके कुछ जरुरी चीजों का विवरण मालुम रहे , जैसे - बैंक अकाउंट , आपका निवेश, आदि। इन सब चीजों का विवरण रजिस्टर आपके जीवन साथी और निकट के संबंधियों के पास भी रखे ।
३ जब कभी भी आप होटल या किसी नए जगह पर हो तो फायर निकास (fire exit) को देख ले। इसी ने मेरी जान बच पाए थे ।
४ कोशिश कर की अपना कमरा बाहरी परिधि पर ले जहा से फायर ब्रिगेड आप तक पहुच सके । मेरा कमरा अन्दर की तरफ़ था जहा फायर ब्रिगेड कभी नही पहुच सकता था ।
५ हमेशा फिट रहे , ताकि कभी भी भाग सके । ये आपकी या किसी और की जिंदगी बचने के काम आ सकता है ।
६ आपके बचाओ के हथियार में आपका मोबाइल फ़ोन बहुत काम आ सकता है । अपनी बैटरी को बचाए । ज्यादातर हम इस बात का इंतज़ार करते है की कब बैटरी ख़तम हो और तब फ़िर चार्ज किया जाए । कभी न करिए। हमेशा इसे चार्ज रखे ।
मैंने पहली बार सीखा की जब भी कभी आप आग या धुएं के बीच दौडे , तब अपने चारो तरफ़ भीगा हुआ कम्बल लपेट ले और झुक कर दौडे । ये एक अलग बात है की मैंने अपने कम्बल को पुरा नही पहना था क्युकी मुझे लगता था की पुलिस मुझे आतंकी समझ कर मार न दे ।
आशा है आपको राहुल के ये टिप्स पसंद आयगे। जरुर बताइए

शुक्रवार, 5 दिसंबर 2008

क्या आप अपने मोबाइल के काल से परेशान है ?

क्या आप रोज रोज की आने वाली बेकार की कालो से परेशान है ? ये टेलेमार्केटिंग वाले न समय देखते है और न वक्त । सवेरे सवेरे जब आप भरी बस के झक झक के बीच होते है तब आपका फ़ोन खनखनाता है और उधर से आवाज आती है " सर ये फला फला कंपनी है और एक विशेष आफर के तहत आपको चुना गया है " । मन करता होगा के कितनी गालिया दे पर वो भी नही कर सकते ( क्योकि उधर वाला या वाली बड़े ही तहजीब से बात करता है )।

आईये आपकी मुश्किल आसान कर देते है । इस सम्बन्ध में टेलीफोन नियामक प्राधिकरण का नियम बहुत ही सहायक है । अगर आप इन "बिन बुलाये कालो " (unsolicicited commercial calls - UCC) के परेशान है तो ये करे :-

१आप अपना मोबाइल या टेलीफोन नम्बर नेशनल -डू-नाट - काल रजिस्ट्री ( National Do not Call Registery) पर दर्ज करिए । इसके लिए बस कॉल करे या sms करे 1909 पर । sms करे "START DND" ।

२- यदि इस सेवा में रजिस्टर करने के ४५ दिनों बाद भी आपको ऐसे काल्स फ़िर भी मिलते है तो आप शिकायत को अपने टेलीफोन सेवादाता से कर सकते है ।

३ - इस बारे में ज्यादा जानकारी http://ndncregistry.gov.in/ndncregistry/index.jsp पर उपलब्ध है ।

४ - TRAI के और भी जानकारी http://www.trai.gov.in पर पा सकते है ।

५ - समस्या का फ़िर भी समाधान न होने पर आप राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्प लाइन पर कॉल कर सकते है जो की मुफ्त है 1800 11 ४००० (9 30 से 5 ३० बजे तक - सोमवार से शनिवार )।

क्यों है न आच्छा

बुधवार, 3 दिसंबर 2008

Cheque Bounce मामलों के लिए Fast track अदालतों की सिफारिश

विधि मंत्री एचआर भारद्वाज को सौंपी 213 वीं रिपोर्ट में भारतीय विधि आयोग के अध्यक्ष डा. जस्टिस एआर लक्ष्मणन ने कहा है कि देश में इस वक्त चेक बाउंसिंग के 38 लाख केस (निगोशिएगल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138) लंबित हैं। इतनी बड़ी संख्या में केस लंबित होने के कारण देश-विदेश में व्यवसाय की विश्वसनीयता को ठेस पहुंची है। इन मामलों को तेजी से निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन किया जाए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस उद्देश्य से धारा 138 में संशोधन कर चैक बाउंसिग मामलों को तेजी से निपटाने का प्रबंध किया गया था, वह विफल हो गया है। आयोग मानता है कि मामलों को तेजी से निपटाया जाए, यह नागरिक का मौलिक आधिकार भी है। मामला लंबे समय तक लंबित रहने से ईमानदार नागरिकों और व्यावसायिक समुदायों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
देश की राजधानी दिल्ली में चैक बाउंसिग के पांच लाख 14 हजार 533 केस लंबित हैं। रोजाना लगभग ढाई हजार नए केस जुड़ रहे हैं जबकि इन केसों के निस्तारण का प्रतिशत बहुत कम है। दिल्ली की कुल अदालतों का दो तिहाई हिस्सा चैक बाउंसिंग केसों से ही जूझ रहा है।
 

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