गुरुवार, 11 दिसंबर 2008

मुंबई आतंकी हमलों में बच निकलने वाले से कुछ टिप्स

राहुल वेल्डे जो Unilever के लिए काम करता है वो भाग्यशाली है कि 26 नवम्बर के मुंबई आतंकी हमलों में बचकर निकल पाया. उनके बारे मे ईक अखबार इंटरव्यु निकला था. राहुल ने उसमे कुछ ठोस और उपयोगी टिप्स दिये है , ये मुझे बहुत अछ्छा लगा. वो सवेरे के 4 बजे बचकर निकल पाया. उनका कहना है कि ये आतंकी हमला शायद खत्म हो गया है, किंतु हम एक एसे अनिशचित समय मे जी रहे जिसमे इक सामान्य स्तर की जागरूकता बहुत जरुरी है । प्रस्तुत है कुछ टिप्स राहुल की तरफ़ से :
दार्शनिक टिप्स :
अपने परिवार और मित्रो का मूल्य जानिए । अपना समय उनके साथ व्यतीत करे । आपके पास जो भी है उसमे अपने हर चेतन क्षण को जीना सीखे, हँसते रहे , मुस्कुराते रहे और ख्याल रखे । मै उन मोमबत्ती यात्राओ और शान्ति यात्राओ के बारे में सुन रहा हु । पुलिस का बल और राजनीती का बल भी देख रहा हु। इसमे मै इतना तो निश्चित हु की बहुत सारी उर्जा नष्ट होगी । वह रह कर इतना तो कह सकता हु की उनमे से हर एक - पुलिसवाला , आग निरोधक वाले फायरमन, डॉक्टर , सामान्य जन , सभी, जितना कर सकते थे , कर रहे थे । मै किसी को दोषारोपण नही कर रहा हु । भगवान् महान है ।
प्रैक्टिकल टिप्स :
1 ये निश्चित करे की आपके पास पर्याप्त बीमा है। यदि आप के पास बहुत पैसा और साधन है फ़िर भी इसे करे ।
२ ये निश्चित कर की आपका परिवार आपके कुछ जरुरी चीजों का विवरण मालुम रहे , जैसे - बैंक अकाउंट , आपका निवेश, आदि। इन सब चीजों का विवरण रजिस्टर आपके जीवन साथी और निकट के संबंधियों के पास भी रखे ।
३ जब कभी भी आप होटल या किसी नए जगह पर हो तो फायर निकास (fire exit) को देख ले। इसी ने मेरी जान बच पाए थे ।
४ कोशिश कर की अपना कमरा बाहरी परिधि पर ले जहा से फायर ब्रिगेड आप तक पहुच सके । मेरा कमरा अन्दर की तरफ़ था जहा फायर ब्रिगेड कभी नही पहुच सकता था ।
५ हमेशा फिट रहे , ताकि कभी भी भाग सके । ये आपकी या किसी और की जिंदगी बचने के काम आ सकता है ।
६ आपके बचाओ के हथियार में आपका मोबाइल फ़ोन बहुत काम आ सकता है । अपनी बैटरी को बचाए । ज्यादातर हम इस बात का इंतज़ार करते है की कब बैटरी ख़तम हो और तब फ़िर चार्ज किया जाए । कभी न करिए। हमेशा इसे चार्ज रखे ।
मैंने पहली बार सीखा की जब भी कभी आप आग या धुएं के बीच दौडे , तब अपने चारो तरफ़ भीगा हुआ कम्बल लपेट ले और झुक कर दौडे । ये एक अलग बात है की मैंने अपने कम्बल को पुरा नही पहना था क्युकी मुझे लगता था की पुलिस मुझे आतंकी समझ कर मार न दे ।
आशा है आपको राहुल के ये टिप्स पसंद आयगे। जरुर बताइए

2 comments:

moomal on 12 दिसंबर, 2008 09:08 ने कहा…

एक ही ब्लॉग में इतनी विविध सामग्री देकर आपने जो सरलता सुलभ की है वो सराहनीय है। साथ में ब्लॉग तकनीक के लिए उपलब्ध कराए गए लिंक भी मददगार साबित हुए। आभार।

विवेक राय on 14 दिसंबर, 2008 09:08 ने कहा…

बहुत ही बढ़िया टिप्स है ...
शुक्रिया ....

 

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