बुधवार, 3 दिसंबर 2008

ऑनलाइन शॉपिंग.कॉम - सतर्क रहे

दैनिक भास्कर
कंप्यूटर पर क्लिक करो, आपका मनपसंद कैमरा आपके घर पर होगा। क्या यह कोई जादू है? नहीं, यह ऑनलाइन शॉपिंग है, जो अब धीरे-धीरे हमारे देश में भी लोकप्रिय होती जा रही है। इसे लेकर कई तरह की शंकाएं भी हैं, लेकिन उससे मिलने वाले लाभ इन शंकाओं पर भारी पड़ रहे हैं।
कैसे लाभदायक?
पहुंच बढ़ाए: आप चाहे मुंबई में हो या किसी छोटे-से गांव में, अगर इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध है, तो कहीं से भी शॉपिंग की जा सकती है। इसका एक फायदा यह भी है कि वे नवीनतम उत्पाद भी उपलब्ध हो जाते हैं जो प्राय: छोटे शहरों में काफी दिनों बाद मिल पाते हैं।
समय बचाए:
एक उत्पाद खरीदने के लिए विभिन्न दुकानों और शोरूमों पर जाकर दाम व फीचर्स को लेकर सर्वे करने की जरूरत नहीं। विभिन्न वेबसाइट्स पर तुलनात्मक अध्ययन से उत्पाद विशेष की तमाम जानकारी बेहद कम समय में उपलब्ध हो जाती है।
लाभ दिलाए :
कई वेबसाइट्स पर कंपनियां अपने उत्पादों पर डिस्काउंट भी देती है। हालांकि कुछ वेबसाइट्स घर पहुंच सेवा के बदले में डिलिवरी चार्ज भी लेती है, लेकिन फिर भी यह लाभ का सौदा है।
भीड़ से बचाए :
अक्सर खरीदी सप्ताहांत या अवकाश के दिन की जाती है जो भीड़-भाड़ भरे होते हैं। तो ऑनलाइन शॉपिंग न केवल भीड़-भड़क्के से बचाती है, बल्कि पार्किग के टेंशन से भी।
शंका और समाधान कैसी होगी गुणवत्ता?
कई लोग उत्पादों की गुणवत्ता के प्रति आशंकित रहते हैं। प्रतिष्ठित ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स ब्रांडेड कंपनियों को अपने साथ जोड़ती हैं। इनमें से कई वेबसाइट्स मनी बेक ऑफर भी देती हैं। इसलिए प्रतिष्ठित शॉपिंग वेबसाइट्स के जरिये खरीदी करने पर उत्पाद की गुणवत्ता के साथ कोई दिक्कत नहीं होती। इनकी नीतियों में साफ लिखा होता है कि कितने समय के भीतर उत्पाद को वापस करने पर वे मनी बैक कर देंगे।
इतना डिस्काउंट कैसे?
इन वेबसाइट्स पर मिलने वाले भारी डिस्काउंट ऑफर की वजह से भी लोगों को शंकाएं रहती हैं कि वाकई में उन्हें वही उत्पाद मिलेगा या नहीं, जिसका उन्होंने आर्डर दिया है।
दरअसल, ऑनलाइन शॉपिंग में डिस्ट्रीब्यूटर, सब-डिस्ट्रीब्यूटर जैसी बीच की तमाम कड़ियां खत्म हो जाती हैं। इसके अलावा शोरूम, वहां कार्यरत कर्मचारियों इत्यादि पर होने वाला खर्च भी बच जाता है। कंपनियां यही बचत अपने ग्राहकों को डिस्काउंट के रूप में उपलब्ध करवाती हैं।
सुरक्षित हैं आनलाइन डाटा?
सभी प्रतिष्ठित ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स ‘सेक्योर सॉकेट्स लैयर’ (एसएसएल) सिस्टम का इस्तेमाल करने लगी हैं। इससे क्रेडिट या डेबिट कार्ड संबंधी तमाम जानकारियां सुरक्षित रहती हैं। वेबसाइट्स की प्राइवेसी व सेक्युरिटी पॉलिसी में साफ लिखा होता है कि क्रेडिट कार्ड की सुरक्षा के लिए वे किस प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए थोड़ी सावधानी रखने पर यह सुरक्षित है।
यूं रखें सावधानी
नामी वेबसाइट्स को ही प्राथमिकता दें। वेबसाइट में जांच करें कि संपर्क करने के लिए पता व फोन नंबर दिया गया है या नहीं। ऐसी कोई जानकारी नहीं है तो वह वेबसाइट धोखा दे सकती है। उससे दूर रहें।
वेबसाइट पर फोन नंबर मिलने पर फोन करके देखें कि सामने से कोई जवाब मिलता है या नहीं। जवाब मिलने पर वेबसाइट की विश्वसनीयता की तस्दीक करें और फिर आगे की कार्रवाई करें। सुनिश्चित करें कि ऑनलाइन शॉपिंग में सुरक्षा मानकों का इस्तेमाल हो रहा है या नहीं।
डेबिट कार्ड के बजाय क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें। विशेषज्ञों के अनुसार ऑनलाइन शॉपिंग में क्रेडिट कार्ड अधिक सुरक्षित है। यह सुनिश्चित करें कि वेबसाइट पर आपके आर्डर का कन्फर्मेशन मिल रहा है या नहीं। यदि नहीं मिल रहा है तो भावी खरीदी के प्रति सचेत रहें।
ऑनलाइन शॉपिंग सार्वजनिक कंप्यूटर से नहीं करें क्योंकि ऐसे कंप्यूटरों से भी आपके क्रेडिट कार्ड की सूचनाएं लीक हो सकती हैं।
40 फीसदी बढ़ोतरी हुई है पिछले दो साल के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग में।
41 फीसदी हिस्सा है पुस्तकों का कुल वैश्विक ऑनलाइन शॉपिंग में। 70 फीसदी भारतीय ऑनलाइन शॉपिंग में हवाई जहाजों व रेलवे के टिकट खरीदते हैं।
84 फीसदी भारतीय ऑनलाइन शॉपिंग में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं।
99 फीसदी दक्षिण कोरियाई इंटरनेट यूजर्स ऑनलाइन शॉपिंग में रुचि रखते हैं(स्रोत : नील्सन ग्लोबल ऑनलाइन सर्वे)
ध्यान दें
>> उत्पाद की खरीदी से पहले विभिन्न प्रतिष्ठित वेबसाइट्स पर उसकी कीमत के बारे में सर्वे जरूर करें।
>> टैक्स व अन्य शुल्क जांच लें। आमतौर पर सेल्स टैक्स व वैट को कीमत में बाद में जोड़ा जाता है। यह भी सुनिश्चित कर लें कि कहीं कोई छिपे हुए शुल्क तो नहीं हैं। इसके लिए हेल्पलाइन पर संपर्क करने से न कतराएं।
>> शिपिंग या डिलिवरी कॉस्ट को ध्यान रखें। अगर आप डिलिवरी जल्दी चाहते हैं तो उस बारे में भी वेबसाइट को अवगत करें।
>> कोई उत्पाद अभी उपलब्ध है या नहीं, इसके लिए वेबसाइट की हेल्पलाइन पर फोन करके पता कर लें। कई बार वेबसाइट जरूरी अपडेट नहीं करती है।>> वेबसाइट की प्राइवेसी व सेक्युरिटी पॉलिसी को ध्यान से पढ़ें। आपके डाटा की सुरक्षा सबसे पहले जरूरी है।
>> आर्डर को वेबसाइट कंफर्म करती है। स्क्रीन पर आए इस कन्फर्मेशन संदेश को सेव करें या प्रिंटआउट ले लें। यह ट्रांजेक्शन रिकार्ड उत्पाद नहीं मिलने या उसे लौटाने की दशा में काम आएगा।
>> पता करें कि मनी बैक या रिफंड पॉलिसी है या नहीं, ताकि उत्पाद पसंद नहीं आने पर आप उसे लौटा सके।
इनका कहना है..
इससे सीमाएं खत्म हो गई हैं। व्यक्ति पहले यह सोचकर मन-मसोसकर रह जाता था कि आखिर वह अच्छी किताबें कहां से खरीदें, लेकिन अब ऑनलाइन शॉपिंग से उसे आसानी से ये उपलब्ध हो जाती हैं। इससे किताबों के प्रति क्रेज भी बढ़ेगा। - विकास रखेजा, एमडी, मंजुल पब्लिशिंग हाउस (ऑनलाइन किताबें उपलब्ध करवाने वाली कंपनी)
यह मानना गलत होगा कि ऑनलाइन शॉपिंग में अच्छे ब्रांड के उत्पाद उपलब्ध नहीं करवाए जाते। होमशॉप 18 ने एप्पल, मोटोरोला, फिलिप्स, गोदरेज इत्यादि जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड्स को अपने साथ जोड़ा है।- होमशॉप 18 (ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट)
मैंने हाल ही में ऑनलाइन शॉपिंग के जरिये एक कैमरा बुलवाया जिस पर काफी डिस्काउंट मिला है। मैंने शोरूमों में उसकी कीमत तो चेक नहीं की, लेकिन मुझे नहीं लगता कि इतना डिस्काउंट कोई दुकानदार देता।- अंजलि अधिकारी ऑनलाइन खरीददार, भोपाल
 

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