बुधवार, 3 दिसंबर 2008

कुछ हिन्दी जगत से समाचार !

कुछ अच्छा मसाला मिला है एक चिठा में । अच्छा लगा की कुछ अच्छे लोग है जो अपना बहुमूल्य समय निकालकर कुछ हिन्दी भाषा के लिए कर रहे है । कोपी , पेस्ट करके दे रहा हु , आशा है के पसंद आएगा .

महेश भट्ट : फिल्मी सितारों का हिन्दी नहीं बोलना अपनी माँ को गिरवी रखने जैसाफिल्मी और टीवी दुनिया से जुड़ा हर सितारा न्यूयॉर्क टाईम्स में अपनी खबर और फोटो देखना चाहता है जबकि उसको नाम और पैसा हिन्दी के दर्शकों से मिलता है। आज हर सितारा अपनी शख्सियत और अपनी पहचान अंग्रेजी में बनाना चाहता है, आज फिल्म उद्योग में हिन्दी न जानना और गलत हिन्दी बोलना सम्मान की बात हो गई है। महेश भट्ट ने कहा कि इस अंग्रेजी मानसिकता से पूरा देश आज एक बार फिर गुलाम होता जा रहा है।- महेश भट्ट, २७ मई २००७चीनी हो या जापानी, अब समझे हिंदुस्तानीगूगल के भाषाई तोहफ़े जारी हैं. गूगल ट्रांसलेट के आज जारी नए अंतरपटल के जरिए हिंदी से केवल अंग्रे़ज़ी ही नहीं विश्व की कई लोकप्रिय भाषाओं से दुतरफा अनुवाद संभव हो गया है.यानी पूरी दुनिया की बात आप और आपकी बात पूरी दुनिया समझ सकती है. चीनी या जापानी में लिखे वेब पन्ने भी आपके लिए अब भैंस बराबर नहीं रहेंगे और आपका ब्लॉग अब किसी अरब, इतालवी, या फ्रेंच के लिए भी पल्ले से बाहर नहीं रहेगा. गूगल ने वाकई दुनिया छोटी कर दी है. उदाहरण के लिए, इस पन्ने को रुसी, फ्रांसीसी, जर्मन, स्पैनिश भाषाओं में देखिए. साथ ही चीनी साइट बाइदू हो या अरबी का अख़बार अशरक़ अल-अवसात, अब आप इन्हें अपनी भाषा में अपने जाने पहचाने अक्षरों में पढ़ सकते हैं. हिंदी पाठकों के लिए दुनिया के दरवाज़े इस कदर पहले शायद कभी नहीं खुले. अधपके अनुवाद का धुँधलका ज़रूर है, पर तस्वीर समझ में आ ही जाती है. अब सीएनएन के पन्ने को ऐसे हिंदी में देखने के लिए उनके हिंदी संस्करण का इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं.Lost in translation = अनुवाद में खो गए1 मई 2008 - गूगल ने हिंदी से अंग्रेज़ी और अंग्रेज़ी से हिंदी मशीनी अनुवाद सेवा शुरू की. इसके जरिये किसी एक शब्द से लेकर किसी पूरे वेब पन्ने का भाषांतरण किया जा सकता है.मसलन, इस ब्लॉग को अंग्रेज़ी में पढ़िए. और जैसा कि मशीनी अनुवादों में अक्सर होता है, सिर खुजाने और ठहाका लगाने के लिए भी तैयार रहिए. पर आप चाहें तो अनुवादों को सुधारने में गूगल की मदद भी कर सकते हैं.एक दिन कम्प्यूटर के बिनाआदतें कितनी जल्दी गुलाम बना लेती हैं. हालत ये हो गई है कि अब एक दिन के लिए भी कम्प्यूटर (और इंटरनेट) बिल्कुल छोड़ देना लगभग खाना छोड़ने जैसा मुश्किल लगता है. पर मैंने कई बार ऐसा करके देखा है और पाया है कि वो दिन बड़ा बढ़िया गुजरता है. तीन मई को कुछ लोग फिर ऐसा करने का बहाना दे रहे है - मौका है शटडाउन दिवस का. चलिए, मेरा कम्प्यूटर तो बंद रहेगा. आप भी कहीं घूम आइए.हिंदुस्तानी जॉन डोअमेरिका में कानूनी मसलों में जब तक किसी पुरुष पक्ष की वास्तविक पहचान नहीं हो पाती उसे अदालती कारवाई में जॉन डो कहा जाता है. महिला पक्ष के लिए यह प्लेसहोल्डर है जेन डो. ये नाम अदालत से बाहर भी अनाम या आम व्यक्ति के तौर पर पहचान के लिए धड़ल्ले से बरते जाते हैं. मसलन, 1941 में फ़्रैंक कैप्रा ने एक फ़िल्म बनाई थी - मीट जॉन डो*, जोकि एक आम आदमी की कहानी थी (न देखी हो तो देख डालिए). इसके अलावा भी पॉपुलर कल्चर में इनका इस्तेमाल आम है.लगभग हर देश के अपने-अपने जॉन और जेन डो हैं. पर भारत में अभी हाल तक ऐसा कोई नाम प्रचलन में नहीं था. अदालतों में “नामालूम” शब्द से काम चलता आ रहा है. पर आखिर भारतीय कोर्टों ने भी अपना हिंदुस्तानी जॉन डो ढूँढ लिया लगता है। और वह है - अशोक कुमार (दादा मुनि, आप वैसे अमर न हुए होते तो ऐसे हो जाते). महिलाओं के लिए अभी तक कोई विशेष नाम प्रचलन में नहीं है. पर शायद जल्दी ही हो जाए. वैसे मीना कुमारी कैसा रहेगा? ख़ैर॥तो ब्लॉगर साहेबान, अगली बार अगर आपको अशोक कुमार के नाम से कोई टिप्पणी देता दिखे तो उसे एक अनजान, आम आदमी की प्रतिक्रिया मानिएगा, अपने पड़ोसी अशोक बाबू की नहीं.*90 के दशक में इस फ़िल्म की लगभग हूबहू हिंदी कॉपी जावेद अख़्तर की कलम से निकली थी. नाम रखा था मैं आज़ाद हूँ. पर लगता है भारतीय अदालतों को जावेद अख़्तर का सुझाव जँचा नहीं
कच्ची गाजर, पक्का गाजरहिंदी में लिंगभेद पर जो छोटा सा सर्वेक्षण हमने किया था उसके परिणाम बिना किसी हील-हुज्जत के सामने रख रहा हूँ. विश्लेषण और चर्चा का काम आप पर छोड़ता हूँ.सर्वे में पूछा यह गया था कि आप दही, गाजर, प्याज, आत्मा, चर्चा, धारा, ब्लॉग, ईमेल, और गिलास को पुल्लिंग की तरह प्रयोग करते हैं या स्त्रीलिंग की तरह. 19 से लेकर 60 वर्ष तक की आयु वाले कुल 39 लोगों ने अपने जवाब भरे. इनमें से 28 की मातृभाषा हिंदी थी, 11 की कोई और. गैर मातृभाषियों में 5 अमेरिका से, और 1-1 इटली, केरल, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, और उत्तराखंड से थे.मातृभाषियों के उत्तरहिंदी मातृभाषियों में सबसे अधिक दुविधा प्याज और ईमेल के लिंग के बारे में दिखी. प्याज को स्त्रीलिंग बताने वालों में 5 उत्तरप्रदेशी, 3 मध्यप्रदेशी, और 1 दिल्ली वाले थे. उत्तरप्रदेश के 35% और बिहार, उत्तराखंड, और महाराष्ट्र के सभी हिंदी मातृभाषियों ने गाजर को पुल्लिंग बताया; सभी मध्यप्रदेश और राजस्थान वालों ने स्त्रीलिंग. दिलचस्प बात है कि ईमेल को पुल्लिंग बताने वालों में भी बिहार, उत्तराखंड, और महाराष्ट्र के सभी हिंदीभाषी शामिल थे. आत्मा, चर्चा, धारा के स्त्रीलिंग होने पर लगभग सभी एकमत थे. इसी तरह ब्लॉग और गिलास के पुल्लिंग होने पर भी एक राय दिखी. राजस्थान के सभी हिस्सा लेने वाले आत्मा के अलावा सभी शब्दों पर एकमत दिखे. इसी तरह दिल्ली वालों में दही और प्याज को छोड़कर बाकी सभी के लिंगों पर सहमति दिखी.गैर-मातृभाषियों के उत्तरगैर हिंदी मातृभाषियों में ब्लॉग (पु.), प्याज (पु.), और धारा (स्त्री.) पर लगभग सहमति दिखी. आत्मा और धारा के स्त्रीलिंग होने पर सभी अमेरिकी एकमत थे. पंजाब और इटली के वोटों के अनुसार आत्मा पुल्लिंग है. गाजर केरल, महाराष्ट्र, और मध्यप्रदेश के वोटों में पुल्लिंग था तो उत्तराखंड, पंजाब, और इटली के वोटों में स्त्रीलिंग थी. दही को केरल और मध्यप्रदेश के गैर मातृभाषी वोटों ने स्त्रीलिंग माना. चार्ट यह रहा:अब देखें कि शब्दकोश क्या कहते हैं. फ़िलहाल प्लैट्स के हिसाब से देखते हैं. यह प्रतिष्ठित शब्दकोश ऑनलाइन भी उपलब्ध है. ध्यान रखने की बात यह है कि प्लैट्स 100 साल से ज़्यादा पुराना है और संभव है कि कुछ लिंग प्रयोग इन सालों में बदल गए हों. इसके अलावा ईमेल या ब्लॉग जैसे नए शब्द भी इससे नदारद होंगे. अगर आपके पास दूसरे शब्दकोश हों और उनमें भिन्न राय हों तो ज़रूर लिखें. तो देखें प्लैट्स महाशय क्या कहते हैं.दही - पुल्लिंग - H दही dahī, corr. धई dhaʼī [Prk. दहिअं; S. दधि+कं], s.m.गाजर - पुल्लिंग और स्त्रीलिंग - H गाजर gājar, (rustic) गाजिर gājir [Prk. गज्जरं; S. गर्जरं], s.f. & m.प्याज - स्त्रीलिंग - P piyāz, s.f. Onion;यहाँ देख सकते हैं कि न केवल शब्द का उच्चारण और वर्तनी बदल गये हैं, बल्कि अधिकतर हिंदीभाषी अब इसे पुल्लिंग बरतते हैं. एक रुचिकर बात - हिंदी का कांदा पुल्लिंग है और देखा गया है कि आयातित शब्दों के लिंग निर्धारण में पहले से मौजूद समानार्थक शब्द के लिंग का गहरा प्रभाव होता है.आत्मा - पुल्लिंग और स्त्रीलिंग - S आत्मा ātmā, s.m.f. चर्चा - शब्दार्थ भेद के अनुसार पुल्लिंग या स्त्रीलिंग - H चर्चा ćarćā [S. चर्चकः, rt. चर्च्]चर्चा के दो अर्थ हैं. अपने पहले अर्थ अफ़वाह या “Popular talk” के मायनों में यह पुल्लिंग है. पर अपने दूसरे अर्थों बहस, विचार-विमर्श, या “mention” के लिए प्रयोग में यह स्त्रीलिंग है.धारा - स्त्रीलिंग - S धारा dhārā, s.f. धारा का पुल्लिंग प्रयोग उर्दू में आम है. आप सबने शकील बदायूँनी का वो गाना ज़रूर सुना होगा - तू गंगा की मौज मैं जमुना का धारा..तो ये थे हिंदी लिंगभेद सर्वेक्षण के परिणाम. सर्वेक्षण मेरे लिए मज़ेदार और ज्ञानवर्द्धक रहा. भाग लेने वालों का शुक्रिया. और जो बिना भाग लिए भाग लिए उन्हें तख़लिया.“यह पाकिस्तानी परंपरा नहीं है”फ़िल्मों की भाषा आम तौर पर एक बड़े व्यापक वर्ग को ध्यान में रखकर लिखी जाती है. ख़ासकर अगर विषय-वस्तु ऐतिहासिक या आंचलिक न हो. कोशिश यह दिखती है कि ऐसे लफ़्ज़ों का इस्तेमाल हो जो पूरे देश (और विदेश) के लोग समझ पाएँ. पर टीवी में दर्शकवर्ग अधिक केंद्रित होता है. और इसी वजह से टीवी की भाषा में आम तौर पर ऐसे शब्द मिल जाते हैं जो लक्षित क्षेत्र-विशेष के बाहर के लोगों के लिए अपरिचित होते हैं.पर अब सैटेलाइट के ज़माने में टीवी अपनी क्षेत्रीय प्रसारण सीमाओं से आज़ाद हो चुका है. हिंदी टीवी के कार्यक्रम अमेरिका, खाड़ी क्षेत्र, और पाकिस्तान में भी रुचि से देखे जाते हैं. और इस फैलाव के साथ ही फैल रहे हैं शब्द. इसमें कोई शक नहीं कि एक आम हिंदीभाषी की उर्दू शब्दावली बढ़ाने में फ़िल्मों और फ़िल्मी गानों का बहुत हाथ रहा है. अब ऐसा ही कुछ पाकिस्तान में हिंदी शब्दावली के लिए टीवी कर रहा है. एक दिलचस्प लेख में देवीरूपा मित्रा लिखती हैं,”A quick survey of Pakistanis, particularly the young and women in cities, showed that they were familiar with some of the more difficult Hindi words. “Sometimes, I find myself saying, ‘yeh Pakistani parampara nahin hai’ (this is not Pakistani tradition), which causes my husband to look at me strangely,” said Nadia Bano, a 32-year-old Islamabad housewife.[...]“On a Pakistani web forum debating the “Indian invasion” through TV soaps and films, a netizen wrote, “To learn the other dialect all a Paki need do is to watch STAR Plus and he’ll pick up Sanskrit vocabulary”.”He listed several words that he had picked up by watching Indian entertainment channels - parivar (family), parampara (tradition), prarthana (prayer), puja (worship), shanti (peace), dharam (religion), aatmahatya (suicide) and pradhan mantri (prime minister).”प्रश्नोत्तरंगजब तक इंटरनेट लोगों के घर तक, उनकी अपनी भाषा में, आसान रूप में नहीं पहुँचता (कभी पहुँचेगा भी?), तब तक के लिए एक उपाय - क्वेश्चन बॉक्स.परिकल्पना बड़ी सीधी है - लोग इसके जरिये एक ऑपरेटर को फ़ोन कर अपने सवाल पूछते हैं, ऑपरेटर इंटरनेट से उनके जवाब ढूँढ़ कर उन्हें वापस बताता है. ये बक्से प्रयोग के तौर पर अभी दिल्ली के पास, नोयडा के बाहर, दो कस्बों में लगाए गए हैं.कल कोरी डॉक्टरो ने बोइंग बोइंग पर इसका ज़िक्र किया है. मुझे पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा है कि बड़े पैमाने पर इसका काम कर पाना मुश्किल होगा. यह तरीका शहरों या बड़े कस्बों के लिए मुझे बहुत कुशल नहीं लग रहा. आप क्या सोचते हैं?पढ़ाई में सबसे तेज़ बच्चे फिनलैंड केसत्तावन देशों में फैले क़रीब पन्द्रह साल के बच्चों की एक परीक्षा में फ़िनिश बच्चे दुनिया में सबसे तेज़ बच्चों में से पाए गए. ये टेस्ट विज्ञान, गणित, और रीडिंग (वाचन) विषयों में लिए गए थे. भारत उन देशों में शामिल नहीं था जहाँ ये परीक्षा ली गई पर बस्तों और माँ-बाप की आशाओं के बोझ से दबे भारतीय बच्चों की दशा से मुझे कोई ख़ास उम्मीद नहीं है. अमेरिकी विद्यार्थी विज्ञान में 29वें क्रम पर रहे और गणित में 35वें पर.यह जानना रुचिकर होगा कि फ़िनलैंड में हाइ-स्कूल के बच्चे रोज़ मुश्किल से आधे घंटे का होमवर्क पाते हैं और बच्चों का स्कूल में दाखिला 7 साल से पहले नहीं होता. वालस्ट्रीट जर्नल ने इस पर आज एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. उसमें से सिर्फ़ एक बात जो सोचने का मसाला देती है:One explanation for the Finns’ success is their love of reading. Parents of newborns receive a government-paid gift pack that includes a picture book. Some libraries are attached to shopping malls, and a book bus travels to more remote neighborhoods like a Good Humor truck.Finland shares its language with no other country, and even the most popular English-language books are translated here long after they are first published. Many children struggled to read the last Harry Potter book in English because they feared they would hear about the ending before it arrived in Finnish. Movies and TV shows have Finnish subtitles instead of dubbing.Posted by v9y at 3:50 PMपढ़ाई में सबसे तेज़ बच्चे फिनलैंड के2008-02-29T15:50:00-05:00v9yअंतरराष्ट्रीयरिपोर्टशिक्षासमाचारComments Links to this post Labels: , , , Wednesday, February 27, 2008दही खट्टा है या खट्टी?हाल में फ़्रेंच बोलने वालों पर किए गए एक छोटे सर्वेक्षण में पता चला कि फ़्रेंच भाषियों में शब्दों का लिंग पहचानने की प्रवृत्ति घट रही है. छप्पन लोगों पर किए गए इस परीक्षण में 14 वयस्क और 42 टीनएजर (13-19 वर्ष) थे जिनकी मातृभाषा फ़्रांसीसी थी. पचास स्त्रीलिंग संज्ञाओं का लिंग पूछने पर टीनएजर केवल 1 पर सहमत हो पाए.हिंदी में भी (फ़्रेंच की तरह ही) लिंग के अनुसार संज्ञाएँ दो तरह की होती हैं - पुल्लिंग या स्त्रीलिंग. हालाँकि अधिकतर हिंदी भाषियों को लिंग पहचानने में कोई खास समस्या नहीं आती, हिंदी सीखने वालों और हिंदी को दूसरी भाषा की तरह बोलने वालों के लिए यह पहचान हमेशा परेशानी की वजह रही है. विज्ञान और तकनीक संबंधी नए शब्दों के हिंदी में आने पर ये दुविधा मातृभाषियों में भी पैदा होती है. इसके अलावा कभी कभी आंचलिकता की वजह से भी लिंग प्रयोग अलग-अलग होते हैं.
 

सदस्यता

अपना ई-मेल टाईप करें:

Delivered by फीडबर्नर्

अनुसरणकर्ता